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सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2020 (27 अक्टूबर से 2 नवम्बर 2020)

 

सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2020 (27 अक्टूबर से 2 नवम्बर 2020)

सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2020 (27 अक्टूबर 20 से 02 नवम्बर 20)

The theme of Vigilance Awareness Week 2020 is

 “सतर्क भारत, समृद्ध भारत" - (Satark Bharat, Samriddh Bharat) 

सतर्कता जागरूकता सप्ताह (Vigilance Awareness Week) 27 अक्टूबर से 2 नवम्बर 2020 तक मनाया जा रहा हैं सतर्क और जागरूक रहना ये किसी भी इंसान या समाज के विकास के लिए बहुत ही सहायक होता है। जो समाज या राष्ट्र जागरूक और सतर्क नहीं होता उसे बड़ी ही तकलीफें उठानी पड़ती हैं जिसका एक उदाहरण आप अपने देश के रूप में ले सकते हैं जो असतार्कता में सैकड़ों सालों तक गुलाम रहा और आज़ादी के लिए एक बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी ।


केन्द्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) के द्वारा हर साल अक्टूबर के अंतिम सप्ताह को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन को मद्देनजर रखकर “सतर्कता जागरूकता सप्ताह” के रूप में घोषित किया गया है।सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर को हुआ था और भारत को एकत्रित और जागरूक करने में सरदार पटेल का बहुत बड़ा योगदान था।  पिछले साल सतर्कता जागरूकता सप्ताह 28 अक्टूबर से 02 नवम्बर तक तक मनाया गया था जिसमें भ्रष्टाचार सेे मुक्ति के प्रयासों पर जोर दिया गया था। 

भारत में अशिक्षा और अस्वास्थ्य यह दो मुख्य चिंता के कारण रहें हैं और इन दोनों की कमी के कारण ही लापरवाही और अजागरुकता का जन्म होता है और सतर्कता जागरूकता सप्ताह जैसे कार्यक्रमों से समाज के ऐसे भागों में पहुचकर जागरूकता फैलाई जाती है जो उनके व्यक्तिगत अभावों के कारण समाज से कट चुके है।

केंद्रीय सतर्कता आयोग 

केंद्रीय सतर्कता आयोग को भ्रष्टाचार से लड़ने और लोक प्रशासन में ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 के अंतर्गत देश मे आया गाय। यह केंद्र सरकार के तहत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी और केंद्र सरकार और संगठनों में विभिन्न प्राधिकरणों को सलाह देने के लिए शुरू किया गया है।

साथ ही इससे शासन में प्रणालीगत सुधार लाने के लिए उनके सतर्कता कार्य की योजना, क्रियान्वयन और समीक्षा की जा रही है। इसके अतिरिक्त, आयोग अपनी पहुंच गतिविधियों के साथ पारदर्शिता, जवाबदेही और भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्राप्त करने की नीति के प्रति आम आदमी, विशेषकर युवाओं में जागरूकता पैदा करने का भी प्रयास करता है।

सतर्कता जागरूकता सप्ताह का इतिहास 

सतर्कता जागरूकता सप्ताह के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुवात सन 1999 में ही हो गई थी लेकिन 2006 में इसे मिशन मोड पर चलाने का प्रयास शुरु हुआ। आयोग का मानना ​​है कि इस विषय से समाज के सभी वर्गों खासकर युवाओं का ध्यान एक ईमानदार, गैर-भेदभावपूर्ण और भ्रष्टाचार मुक्त समाज के निर्माण करने के तरफ आकर्षित होगा और समाज को वैचारिक रूप से स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी।

आयोग ने सभी केंद्र सरकार के मंत्रालयों / संगठनों से अनुरोध किया है कि वे अपने संगठन के भीतर इस विषय से संबंधित गतिविधियों का शुरू करें। पिछले साल आयोग ने कुछ मुख्य दिशा-धाराएँ निर्मित की थी जैसे संगठन के भीतर आयोजित की जाने वाली सतर्कता और जागरूकता के कामों में सभी कर्मचारियों द्वारा वफ़ादारी की शपथ लेना, जागरूकता से जुडी बातें पैम्पलेट्स के माध्यम से फैलाना और अन्य भ्रष्टाचार विरोधी उपाय बताना इत्यादि शामिल था।

सतर्कता जागरूकता सप्ताह के समय ली जानी वाली प्रतिज्ञाएँ 

सतर्कता जागरूकता सप्ताह के समय व्यक्तिगत और संस्था के रूप में कुछ प्रतिज्ञाएँ ली जाती हैं जो निचे दी गई हैं। आज भ्रष्टाचार समाज और देश के विकास में एक बड़ी बाधा रही है और आज इस बुराई को अपने समाज से दूर करने के प्रयास हमें मिल जुल कर करने की जरुरत है,  कि प्रत्येक नागरिक को सतर्क और प्रतिबद्ध होना चाहिए।

  • मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में खुद को शामिल करता हूँ।
  • जीवन के सभी क्षेत्रों में कानून का पालन करना यह मेरा परम कर्तव्य है
  • मैं प्रतिज्ञा लेता हूँ की न मै रिश्वत लूँगा और न ही किसी और को दूंगा।
  • सभी कार्यों में इमानदार और पारदर्शी रहूँगा।
  • ऐसे कार्य करूँगा जिससे समाज और देश का कल्याण हो।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ मैं भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसीयों को सूचित करूँगा।
  • सतर्कता और जागरूकता सबसे पहले हमसे शुरू होती है।